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Showing posts with the label Kulbhushan Singhal (कुल भूषण सिंघल)

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PLEASE COMMENT, SHARE & POPULARIZE...>>> उत्तर भावनात्मक बातो पर नहीं इतिहास या प्रमाणिकता पर होना चाहीये ! ----------------------------------------------------- एक प्रश्न :::>>> आज के सूचना युग में हम कैसे निर्धारित करेंगें कि अमुक शिक्षा खराब थी या है..या अच्छी थी या है ..? प्रश्न इसलिए आया क्यूंकि एक शिक्षा पद्धति मेकैउले लाया, जो वास्तव में बहुत अच्छी तो नहीं थी... और एक गुरुकुल शिक्षा इससे पहले.... जिसको हम हिन्दू बहुत अच्छी मानते है , लकिन ५००० वर्ष का जो इतिहास है...काफी कुछ इतिहास मालूम भी है; समाज का शोषण होता रहा, टुकड़े होते रहे गुलाम बना....सिर्फ चाणक्य के समय को छोड़ कर...! और चाणक्य के २३०० वर्ष पूर्व के इतिहास को गुरुकुल शिक्षा ने दफना दिया था | 'राष्ट्रीयता' या "जय माँ भारती" को जानबूझ कर दफना दिया था..ताकि शोषण हो सके | मेकैउले से पहले गुरुकुल प्रणाली थी जिसमें हमारे टुकड़े होते रहे , धर्म परिवर्तन होता रहा...यह प्रमाणित इतिहासिक सत्य है ! जिस वक्त अंग्रेजो ने भारत पर कब्ज़ा करा, उस समय भारत 560 से उपर टुकडो मैं बटा था... और आज़ाद हुआ...

PURAANS ARE HISTORY AND SCIENTIFIC DETAILS FROM BIRTH OF SOLAR SYSTEM

PURAANS ARE HISTORY AND SCIENTIFIC DETAILS FROM BIRTH OF SOLAR SYSTEM http://awara32.blogspot.com/2015/09/puraans-are-history-and-scientific.html Puraans, as the name suggest is ancient history. They provide valuable historical details about the ancient earth, its people, and its problems. Since Hindus believe in cyclic theory of evolution these Puraans are undated, and may represent events spread over different cycles. Puraans also give details of formation of solar system including formation of earth, the early stages of earth life and how it evolved. Puraans also tells us about the initial turbulence that was there in our solar system which resulted in the birth of solar system and earth. This post does not intend to provide these details. The details are exhaustive and have to be culled out from Puraans itself. For that one has to understand them, decode them and then get the details. Please Click & Read Full Post….>>> http://awara32.blogspot.com/2015/09/puraans-are-hi...

||निर्णय आपको करना है, दासता छोडनी है, बहु बेटियों को सुरक्षित रखना है

||निर्णय आपको करना है, दासता छोडनी है, बहु बेटियों को सुरक्षित रखना है, या, इन धर्म गुरुजनों की बात मानकर दुबारा गुलाम होना है || इश्वर शिव परम पूज्य परमेश्वर हैं, जिनकी कोइ भी सीमाएं मानव के लिए निर्धारित करना संभव नहीं है, और.... चुकी समाज मानसिक रूप से पूरी तरह दास हो चूका है, इसलिए वोह कुछ प्रश्न पूछता नहीं , और इश्वर शिव जो की पूर्ण योगी भी हैं, और वैरागी भी, उनके वैराग मैं खोट दिखा दिया जाता है, यह कह कर की शिव क्रोधित हो कर तीसरी नेत्र खोल देते हैं |क्रोधित होकर उन्होंने कामदेव को तीसरा नेत्र खोल कर भस्म कर दिया| और हिन्दू समाज की दास मानसिकता देखीये, वोह कभी धर्मगुरुओ से यह भी नहीं पूछते कि एक पूर्ण वैरागी और इश्वर कैसे क्रोधित हो सकते हैं, तथा क्या यह संभव नहीं है कि इश्वर शिव ने प्रसन्न होकर तीसरे नेत्र को खोल कर कामदेव को शरीर रूपी बंधन से मुक्त कर दिया हो ? सबसे पहले तो यह समझ लें कि इश्वर सदेव श्रृष्टि हित, समाज हित और मानव हित मैं सोचते हैं, परन्तु आपकी मानसिकता दासता वाली रहे तभी शोषण संभव है, इसलिए आपको सबकुछ तोड़ मरोड़ कर इश्वर पर आपका विश्वास कम करने की नियत से बताया जा...

ADI SHAKTI LEFT SHIV SO THAT INITIAL EVOLUTIONARY PROBLEMS GET RESOLVED

ADI SHAKTI LEFT SHIV SO THAT INITIAL EVOLUTIONARY PROBLEMS GET RESOLVED http://awara32.blogspot.com/2015/01/adishakti-left-shiv.html Shiv and AdiShakti are inseparable; they symbolize Supreme God, Shiv with Supreme Power and Goddess, AdiShakti in feminine form, representing growth and nature. AdiShakti left Shiv after the earth was born; why? This is something important and symbolic; does it have any message? Stories of Shiv and AdiShakti represented by Parvati and Sati, and also stories of Sur and Asurs are not merely stories but provide valuable information about initial turbulence and problems on earth, description of those problems and subsequent resolution

सामाज का शोषण होता रहे इसलिए संस्कृत विद्वान शिव को क्रोधित दिखाते हैं

सामाज का शोषण होता रहे इसलिए संस्कृत विद्वान शिव को क्रोधित दिखाते हैं http://awara32.blogspot.com/2015/01/shiv-blessed-kamdev.html इश्वर शिव परम पूज्य परमेश्वर हैं, जिनकी कोइ भी सीमाएं मानव के लिए निर्धारित करना संभव नहीं है, और चुकी समाज मानसिक रूप से पूरी तरह दास हो चूका है, इसलिए वोह कुछ प्रश्न पूछता नहीं , और इश्वर शिव जो की पूर्ण योगी भी हैं, और वैरागी भी, उनके वैराग मैं खोट दिखा दिया जाता है, यह कह कर की शिव क्रोधित हो कर तीसरी नेत्र खोल देते हैं |क्रोधित होकर उन्होंने कामदेव को तीसरा नेत्र खोल कर भस्म कर दिया| सबसे पहले तो यह समझ लें कि इश्वर सदेव श्रृष्टि हित, समाज हित और मानव हित मैं सोचते हैं, परन्तु आपकी मानसिकता दासता वाली रहे तभी शोषण संभव है, इसलिए आपको सबकुछ तोड़ मरोड़ कर इश्वर पर आपका विश्वास कम करने की नियत से बताया जाता है| तभी धर्मगुरु आपकी मानसिकता पर हावी होकर समाज का शोषण बे रोकटोक कर सकते हैं| और इसमें संस्कृत विद्वान, जो विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में समाज से जो अनुदान मिलता है उस पैसे से पढ़ कर ज्ञान प्राप्त करते हैं, समाज के शोषण के लिए धर्मगुरुओ का साथ देते ...

संस्कृत विद्वानों और धर्मगुरुजनों, समाज के पतन का उत्तर तो देना होगा !

संस्कृत विद्वानों और धर्मगुरुजनों, समाज के पतन का उत्तर तो देना होगा ! *************************************************************************** संस्कृत विद्वानों तथा धर्मगुरुजानो, हिन्दू समाज सूचना युग मैं है, इसलिए मुश्किल है प्रश्नों का उत्तर न देना | यह इसलिए भी आपसबको समझ लेना चाहिए क्यूँकी आज व्यक्ति की पहुच विश्व-व्यापी है, संचार और सूचना के अनेक सोत्र हैं, इसलिए चर्चा से भागने से कष्ट, संस्कृत से सम्बंधित उन लोगो को भी होगा जो संस्कृत भाषा सीख कर अपनी जीविका चलाना चाहते हैं | कृप्या शोषणकर्ताओं का साथ देना बंद करें और सत्य को छिपाने की कोशिश नहीं करें |सूचना युग मैं यह संभव नहीं हो पायेगा | नीचे कुछ प्रश्न हैं जिनका उत्तर अब धर्मगुरुजनों को और संस्कृत विद्वानों को देना हीहोगा :- 1. क्या पुराण कोडित इतिहास हैं, जो सदेव वर्तमान समाज की क्षमता के अनुरूप प्राचीन इतिहास का वर्णन वर्तमान समाज हित मैं करते हैं, लकिन इसी कारण से उनका दुरूपयोग समाज के शोषण के लिए भी हो सकता है ? 2. सूचना युग मैं, और जब समाज के पास शिक्षा और सूचना दोनों हो, तो श्री विष्णु के अवतार का इतिहास, रामायण और ...

MAYA…MIND CONTROL WEAPONS EXISTED IN ANCIENT TIMES DURING RAMAYAN ERA

MAYA…MIND CONTROL WEAPONS EXISTED IN ANCIENT TIMES DURING RAMAYAN ERA http://awara32.blogspot.in/2013/07/mayamind-control-weapons-existed-in.html During Treta Yug mantra controlled weapons were available, which is common today. Mind control weapon ‘MAYA’ was used by Ravan. Work is being done by modern science now in developing these weapons The world today is slowly getting developed by scientists not for the welfare of humanity, but for controlling humanity and for military use. Perhaps this has happened in earlier times too. The scientists of today believe that science was much more developed in ancient time, and Hindus have history confirming the same. If we look at the history of ancient period of Treta Yug and Dwaaper Yug, one would realize that science was extremely developed; much more than the present time, and during the pre Mahabharat period science witnessed a period which is not easily achievable now, even after a couple of centuries, or even more.
Shri Krishnamurthi CG.......Sir, Thanks for accepting my request ....!