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उत्तर भावनात्मक बातो पर नहीं इतिहास या प्रमाणिकता पर होना चाहीये !
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एक प्रश्न :::>>>
आज के सूचना युग में हम कैसे निर्धारित करेंगें
कि
अमुक शिक्षा खराब थी या है..या अच्छी थी या है ..?

प्रश्न इसलिए आया क्यूंकि
एक शिक्षा पद्धति मेकैउले लाया, जो वास्तव में बहुत अच्छी तो नहीं थी...
और
एक गुरुकुल शिक्षा इससे पहले....

जिसको हम हिन्दू बहुत अच्छी मानते है , लकिन ५००० वर्ष का जो इतिहास है...काफी कुछ इतिहास मालूम भी है;
समाज का शोषण होता रहा, टुकड़े होते रहे गुलाम बना....सिर्फ चाणक्य के समय को छोड़ कर...!

और चाणक्य के २३०० वर्ष पूर्व के इतिहास को गुरुकुल शिक्षा ने दफना दिया था |
'राष्ट्रीयता' या "जय माँ भारती" को जानबूझ कर दफना दिया था..ताकि शोषण हो सके |

मेकैउले से पहले गुरुकुल प्रणाली थी जिसमें हमारे टुकड़े होते रहे , धर्म परिवर्तन होता रहा...यह प्रमाणित इतिहासिक सत्य है !

जिस वक्त अंग्रेजो ने भारत पर कब्ज़ा करा,
उस समय भारत 560 से उपर टुकडो मैं बटा था...
और आज़ाद हुआ भी 560 टुकडो मैं,
क्युकी
भारत छोड़ते समय अँगरेज़ सारी संधी, जो राज्यों के साथ करी थे, उसको निरस्त कर के सबको आज़ाद कर गए थे|

पर बना 560 टुकडो को मिला कर एक देश....और आज़ाद भारत के सारे नेता अग्रेजो की शिक्षा प्रणाली से शिक्षा लेकर निकले थे !

पिछले ६५ वर्षो मैं हमने कश्मीर का कुछ हिस्सा गवाया है तो सिक्किम और गोवा को भारत मैं मिलाया है....!

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